सोमवार, 15 नवंबर 2010

मेरे बारे मे

जब भी अपने बारे मै सोचता हूँ तो ऐसा लगता है किया  जिंदगी का यही फलसफा है सिर्फ जिंदगी का नाम परिवार   है  जिसके लिय कमाने के आलावा कोई काम नहीं है लकिन ऐसा है नहीं मैंने अपनी जिंदगी  को कई हिस्सा मे बाट दिया रंगमंच सामाजिक कार्य के साथ कई कामो में अपने को व्यस्त रखने की कोशिश   और एक prayash देखते है आगे किया होता है 

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