रंग मंच के साथ ही कुछ अलग करने की चाहत लिया आपके बीच हूँ । आज भी कुछ ऐसे लोग है जिन्होंने अपनी जिंदगी रंगमंच को समर्पित कर दी है। ऐसे लोगो ने ही हिदुस्तान के कला और संस्कृति को जीवीत कर रखा है । ऐसे सभी लोगो का मेरा सलाम
सोमवार, 15 नवंबर 2010
मेरे बारे मे
जब भी अपने बारे मै सोचता हूँ तो ऐसा लगता है किया जिंदगी का यही फलसफा है सिर्फ जिंदगी का नाम परिवार है जिसके लिय कमाने के आलावा कोई काम नहीं है लकिन ऐसा है नहीं मैंने अपनी जिंदगी को कई हिस्सा मे बाट दिया रंगमंच सामाजिक कार्य के साथ कई कामो में अपने को व्यस्त रखने की कोशिश और एक prayash देखते है आगे किया होता है
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