रंग मंच के साथ ही कुछ अलग करने की चाहत लिया आपके बीच हूँ । आज भी कुछ ऐसे लोग है जिन्होंने अपनी जिंदगी रंगमंच को समर्पित कर दी है। ऐसे लोगो ने ही हिदुस्तान के कला और संस्कृति को जीवीत कर रखा है । ऐसे सभी लोगो का मेरा सलाम
बुधवार, 17 नवंबर 2010
न जाने क्या हुआ
मेरे सारे आर्टीकल पता नहीं कैसे गायब हो गए इसका बैकप भी नहीं मिल रहा है कोई बात नहीं फिर से लिखने में शायद कुछ समय लगे लकिन लिखूंगा जरुर दुःख तो बहुत होता है लेकिन कर क्या सकते है शायद Template बदलते समय मुझसे ही कोई गलती हो गया हो
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